रामायण के महिला किरदारों को लेकर सोशल मीडिया पर इन दिनों हंगामा मचा हुआ है। यूजर जहां एक ओर प्राचीनकाल से ही महिला सशक्तिकरण के दावे कर रहे हैं, वही कुछ ने कैकई को दुष्ट बताते हुए राम को वनवास भेजकर अपनी सारी सीमाएं तोड़ने वाली महिला बताया। कैकई को पूरे मह ग्रंथ की सबसे दुर्भाग्यशाली महिला कहा है।
बता दें कि कोरोनावायरस के चलते हुए लाकडाउन के कारण पब्लिक डिमांड पर दूरदर्शन पर रामायण सीरियल री टेलीकास्ट किया जा रहा है। जिसे देख कर दर्शक अपनी खुशी जाहिर करने के साथ ही सोशल मीडिया पर रामायण को लेकर अपनी प्रतिक्रियाएं भी दे रहे हैं।
हाल ही में प्रसारित हुए एपिसोड में श्रीराम, सीता और लक्ष्मण राजमहल छोड़कर वनवास के लिए निकले। उनके वनवास का मुख्य कारण केकई और मंथरा को बताते हुए उन्हें महाभारत का विलेन बताया जा रहा है। ट्विटर पर एक यूजर ने महिला सशक्तिकरण की बात कहते हुए लिखा है, हम 7000 साल पहले भी इतने प्रगतिशील थे, सीता होशियार और योद्धा थी, केकई सिर्फ योद्धा ही नहीं थी बल्कि वह देवासुर संग्राम में राजा दशरथ की सारथी भी थी, एक यूजर्स ने लिखा है कि भारत की पहली महिला ड्राइवर केकई और सत्यभामा है।
एक और कुछ यूजर्स ने रामायण की महिलाओं को सशक्त बताया है वहीं कुछ यूजर्स ने विरोध में भी अपने विचार रखे हैं। उनका कहना है कि कैकई सच में दुष्ट थी, उसके लिए अपने बेटे को राजा बनाना ही काफी नहीं था, उसने राम को वनवास भेजकर सारी सीमाएं तोड़ दी। उन्होंने बताया वह इस पूरे महा ग्रंथ की सबसे दुर्भाग्यशाली महिला थी। उसने अपने बेटे से ज्यादा राम को प्यार किया, अपने राजा के लिए लड़ी भी, रानियों में सबसे होशियार भी थी, लेकिन कुछ पलों की गलत सोच ने सब कुछ बर्बाद कर दिया।
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