पौराणिक सीरियल 'महाभारत' के बाद लोग मुझे भगवान मानकर मेरे पैर छूने लगे थे। इस शो से मैंने अंहकार का त्याग कर स्वाभिमान हासिल किया। मैंने लोगों की विनम्रता को पहचाना और आदर करना सीखा। यह कहना है बी.आर. चोपड़ा के सीरीयल 'महाभारत' में कृष्ण बने अभिनेता नितीश भारद्वाज का। उन्होंने लॉकडाउन के बीच कलर्स चैनल पर प्रसारित हो रहे 'महाभारत' सीरीयल के बीच पत्रिका एंटरटेनमेंट से खास बातचीत में अपने किरदार और उससे जीवन में आए बदलावों पर खुलकर चर्चा की।
आगे बढ़ने की देता है सीख
अभिनेता ने कहा,'जो भी किरदार निभाता है ये उस पर निर्भर करता है कि वो अच्छी या बुरी दोनों में से किस चीज को अपनाता है। मैंने श्रीकृष्ण के रोल से बहुत सीखा है। कहते हैं, जीवन के पूल है। इस पर कांटे भी है तो पुष्प भी। इस रास्ते पर चलते उन्हें बहुत कुछ सीखने को मिलता है जिससे वो विकसित होता जाता है। इसलिए बिना किसी चोट की परवाह किए बगैर जिंदगी में लागातार आगे बढ़ता रहना चाहिए।'
सीरियल के फॉर्मेंट में आया बदलाव
नितीश भारद्वाज ने कहा, 'पहले की शूटिंग और अब की शूटिंग में कुछ ज्यादा बदलाव नहीं आया है। बदलाव आया है तो केवल सीरियल के फॉर्मेंट में। पुराने जमाने में महाभारत एक साप्ताहिक सीरियल था। लेकिन अब डेली शॉप शो है जो हर दिन आते हैं तो ऐसे में स्टार्स को तैयारी के लिए कम समय मिलता है।'
जीवन जीने की सिखाता है कला
'महाभारत' जीवन का एक दर्पण है। यह सीरियल आपको सीखता है कि हर बाधा से कैसे पार पाना और जीवन कैसे बिताना है। इसलिए मैं हमेशा नई जनरेशन से अपील करता हूं कि 'महाभारत' देखिए, पढ़िए और अच्छे जानिए। यह सिखाता है जीवन में किसके साथ कैसा व्यवहार करना है।
एक दर्जन से ज्यादा की फिल्में
नितीश भाद्वाराज ने 'महाभारत' सीरियल के अलावा एक दर्जन से अधिक फिल्मों में अभिनय किया। कुछ समय के लिए फिल्मों से ब्रेक लेकर नितीश ने लंदन में थिएटर और रेडियो में काम किया। अब वे फिल्मों में अभिनय करने साथ बतौर निर्देशक भी जुड़े हैं।
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