परेश रावल एक मंझे हुए तथा नेचुरल कलाकार हैं। उनकी गिनती नेशनल स्कूल ऑफ ड्रामा के नामचीन और हुनरमंद कलाकारों की श्रेणी में होती है। उन्हें अब तक मुख्य भूमिका से ज्यादा सहयोगी भूमिकाओं के लिए जाना जाता है। एक समय था जब वह अपने नकारात्मक किरदारों के लिए जाने जाते थे। वहीं एक ऐसा भी आया जब उन्हें कॉमिक रोल्स में देखकर दर्शक पेट पकड़कर हंसने को मजबूर हो गए।
परेश रावल ने अभिनय की दुनिया में कदम 1984 में होली फ़िल्म से रखा। जिसमें वे एक सहायक किरदार में नजर आए। लेकिन उन्हें असली पहचान 1986 में 'नाम' मूवी से मिली। इसके बाद वह 90 के दशक में सैकड़ों फ़िल्मों में खलनायक की भूमिका में नजर आए। जिनमें कब्जा, किंग अंकल, राम लखन, दौड़, बाज़ी आदि शामिल थीं।
इसके बाद परेश रावल के अभिनय की दूसरी पारी शूरू होती है। जहां उन्हें नकारात्मक किरदारों की जगह कॉमिक रोल्स में देखा गया। जिनमें हेराफेरी, फिर हेराफेरी, गरम मसाला, मालामाल वीकली, चुप चुपके, हंगामा, भागम भाग और वेलकम जैसी फिल्मों अपने हास्य अभिनय का परिचय देते दर्शकों के दिल में जगह बना ली।
यहां से परेश रावल ने बाबू भैया के किरदार के रूप में ख्याति प्राप्त की। एक समय ऐसा भी रहा जब परेश रावल को मशहूर डायरेक्टर प्रियदर्शन की लगभग हर फिल्म में देखा गया।
यदि परेश रावल की पर्सनल लाइफ की बात की जाए तो उन्होंने 1979 में मिस इंडिया रह चुकीं स्वरूप सम्पत से शादी की। इनकी लव स्टोरी का एक किस्सा शेयर करते हुए परेश ने बताया था कि वह उन दिनों एक कंपनी में काम किया करते थे। उस कंपनी के मालिक स्वरूप सम्पत के पिता थे। स्वरूप उन्हें इतनी पसंद थी कि परेश ने उन्हें प्रपोज कर दिया।
इसके बाद परेश को कुछ वक्त लगा लेकिन स्वरूप मान गयीं। इसके बाद परेश के करियर ने भी गति पकड़ ली और दोनों इस प्रपोजल के 12 साल बाद शादी कर ली। स्वरूप सम्पत को भी कुछेक फिल्मों में देखा गया लेकिन उन्हें सुंदरता के दम पर ज्यादा दिन काम नहीं मिल सका।
वहीं परेश रावल आज भी अपने अभिनय का लोहा मनवा रहें हैं। हाल ही में उनकी फिल्म ' हम दो हमारे दो' डिजीटल पर्दे पर रिलीज हुई। जिसमें वे राजकुमार राव के पिता के किरदार में हैं।
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