बॉलीवुड इंडस्ट्री में पिछले कुछ समय से हॉलीवुड एक्सपर्ट एक्शन गुरु, स्टंट डायरेक्टर्स, वीएफएक्स एक्सपर्ट,सिनेमैटोग्राफर्स,म्यूजिशियन्स,मेकअप एक्सपर्ट,फिजिकल ट्रेनर्स का दखल बढ़ता जा रहा है। हिंदी फिल्मों में भी निर्माता हॉलीवुड की तरह ज्यादा से ज्यादा एक्शन सीन्स और वीएफएक्स का इस्तेमाल करने लगे हैं। पिछले दिनों रिलीज हुए 'पानीपत' और 'तानाजी: द अनसंग वॉरियर' के ट्रेलर में 'गेम्स ऑफ थ्रोन्स' की झलक दिखी। वहीं 'वॉर' और 'साहो' में 'मिशन इंपॉसिबल' की तरह एक्शन देखने को मिले। 'वॉर' में एक्शन सीन्स हॉलीवुड के एक्सपर्ट कोरियोग्राफर की निगरानी में फिल्माए गए थे। कुछ मिलाकर अब बॉलीवुड फिल्में भी कुछ हद तक हॉलीवुड की तर्ज पर बनने लगी हैं और सफल भी हो रही हैं।
चलन नया नहीं
बॉलीवुड में हॉलीवुड एक्पसर्ट्स का काम करना कोई नई बात नहीं है। लेकिन अब कुछ हिंदी फिल्मों के निर्माता दुनियाभर से ऐसे विशेषज्ञों के साथ काम कर रहे हैं जो काफी लोकप्रिय हो रहे हैं। भारतीय ऑडियंस को भी विदेशी कंटेंट खासा रास आ रहा है। निर्माता अब हॉलीवुड की बड़ी बड़ी फिल्मों की तरह एडवांस मेकअप, टेक्नोलाजी और जबरदस्त एक्शन सीन्स में विदेशी सिनेमैटोग्राफी के साथ भारतीयों का दिल जीत रहे हैं। सलमान खान की 'टाइगर जिंदा है', 'रेस 3', 'भारत', ऋतिक रोशन और टाइगर श्रॉफ स्टारर 'वॉर', अक्षय कुमार की 'केसरी' और ऋषि कपूर की 'कपूर एंड सन्स' आदि फिल्मों में भी हॉलीवुड की झलक मिलती है।
डिजिटल पर भी अच्छे कंटेंट की डिमांड
ट्रेड एक्सपर्ट राजेश थडानी का कहना है, 'ज्यादातर ऑडियंस विदेशी कंटेंट देखने की आदि हो चुकी है तो डिजिटल प्लेटफॉर्म नेटफ्लिक्स और अमेजॉन प्राइम वीडियो पर भी लोग ऐसे कंटेंट की ज्यादा उम्मीद लगाने लगे हैं। वे चाहते हैं कि सबकुछ अच्छा देखने को मिले। इसके लिए प्रोजेक्ट के हर क्षेत्र में बेहतरीन काम करने की जरूरत होगी, जिससे लागत भी बढ़ेगी।'
इन प्रोजेक्ट्स में भी दिखा विदेशी टच
अक्षय कुमार की 'केसरी' में लॉरेंस वुडवर्ड, ऋतिक रोशन की 'बैंग बैंग' में एंडी आर्मस्ट्रांग, सनी देओल की 'घायल वन्स अगेन' में डैन ब्रैडली, कृष फ्रेंचाइजी और प्रभास की 'साहो' में केनी बाटेस, तापसी पन्नू की 'नाम शबाना' में सिरिल रफेली जैसे हॉलीवुड स्टंट मास्टर्स की सहायता ली गई। वहीं ऋषि कपूर की 'कूपर एंड सन्स' का मेकअप आर्टिस्ट ग्रेग कैनोम से खास कनेक्शन है।
तकनीक के मामले में हुए बेहतर
ट्रेड एक्सपर्ट गिरीश जौहर का कहना है,'पहले के मुकाबले हमारे टेक्निशियन और ज्यादा ट्रेंड हो रहे हैं। सुविधाएं बेहतर हुई, प्रोडक्शन वैल्यू और बजट बढ़े और कई प्रोजेक्ट्स में हम हॉलीवुड टैलेंट को भी हायर कर रहे हैं। इस गला काट प्रतियोगिता में हर कोई नई तकनीक सीखना चाह रहा है और खुद को अपडेट रखना चाहता है। फिल्मों में लुक, कलर्स और साउंड पहले से बेहतर हुए हैं, जो दर्शकों को भी पसंद आ रहा है।'
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