लाउडस्पीकर पर अजान को बंद करने की मांग पर ट्रोल हुए Javed Akhtar, सुर्खियों में रहने के लिए करते हैं ये सब
नई दिल्ली। कुछ समय पहले मशहूर गीतकार और लेखक जावेद अख्तर ( Javed Akhtar ) ने अजान को लेकर एक ट्वीट किया था। जिसमें उन्होंने कहा था कि तकरीबन 50 साल तक भारत में लाउडस्पीकर पर अजान अनुचित थी। उसके बाद ये हो गई ये इस कदर हलाल हो गई है कि इसकी कोई सीमा नहीं रही। अजान करना ठीक है, लेकिन लाउडस्पीकर पर इसे करना लोगों की असुविधा का कारण बन जाता है। मुझे उम्मीद है कि वो इस बार कम से कम खुद करेंगे। उनके इस ट्वीट ( Javed Akhtar Tweet ) पर अब एक बड़ी बहस छिड़ कई है।
देवबंदी आलिम मुफ्ती अशद कासमी ( Deobandi Alim Mufti Arsad kasim) ने अख्तर को निशाने पर लेते हुए कहा कि जावेद अख्तर की बात दुख जताते हुए कहा कि ऐसा पहली बार नहीं जब ऐसा बयान किसी बड़ी हस्ती की तरफ से आय़ा हो। देश के लोगों को इस तरह की बातों पर बिल्कुल भी ध्यान नहीं देना चाहिए। कासमी ने अपने बयान में अजान का मतलब बताते हुए कह कि अजान एक तरह का ऐलान करना होता है। जिससे मुसलमानों को पता चलता है कि नमाज का वक्त हो गया है। यह केवल चंद मिनटों की ही अजान होती है। तो इस बात से किसी भी तरह की परेशानी किसी को नहीं होनी चाहिए। हमारे हिंदुस्तान का संविधान भी हमें इस चीज की इजाजत देता है। हर इंसान को अपने मजहब पर अमल करने की पूरी आजादी दी गई है. जब हमारे हिंदुस्तान का संविधान ( Indian Constitution ) हमें इजाजत देता है तो जावेद अख्तर जैसे लोगों की क्या हैसियत है कि वह संविधान और इस्लाम की शरीयत की मुखालफत करें।
कासमी ने आगे बात को कहते हुए कहा कि 'जावेद अख्तर को ये मालूम होना चाहिए कि इस वक्त मुल्क के अंदर क्या हालात हैं। पूरी दुनिया और हमारा मुल्क कोरोना जैसी वैश्विक महामारी से लड़ रहा है। इस पवित्र महीने के अंदर और कुरान-ए- पाक की बरकत के चलते मुसलमान दुआ कर रहे हैं कि पूरी दुनिया और हमारे हिंदुस्तान से अल्लाह ताला कोरोना जैसी बीमारी का खात्मा कर दें। ऐसे हालात में जावेद अख्तर जैसे लोग अपने आप को चमकाने के लिए ऐसे हालात में भी इस तरह की बयानबाजी कर रहे हैं, ये बड़े दुख की बात है। बता दें जावेद के इस ट्वीट के बाद से लोग उन्हें जमकर ट्रोल कर रहे हैं।
from Patrika : India's Leading Hindi News Portal https://ift.tt/3bqDVDm
No comments: