बॉलीवुड इंडस्ट्री में गुटबाजी का मुद्दा कोई नया नहीं है। कई बार इस बारे में खबरें आती रही हैं। अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत (Sushant singh Rajput) की मौत के बाद बॉलीवुड में फिर से गुटबाजी का मुद्दा गर्म हो गया है। बता दें कि सुशांत पिछले कुछ समय से डिप्रेशन में चल रहे थे और उन्होंने रविवार को फांसी लगाकर आत्महत्या (Sushant singh Rajput Suicide) कर ली थी। सुशांत के इस कदम से पूरी इंडस्ट्री सदमें में है। वहीं कुछ कलाकार इसके बाद गुटबाजी के मुद्दे पर भी खुलकर बोल रहे हैं। एक निर्देशक ने इंडस्ट्री (Bollywood Industry) की बड़ी फैमिली पर निशाना साधते हए कहा कि बुलिंग (Bulling) के जरिए मेरे कॅरियर को कंट्रोल करना चाहते थे। मेरे प्रोजेक्ट्स को नुकसान पहुंचाया गया। इस बहस में बॉलीवुड अभिनेत्रियों ने भी अपने विचार सोशल मीडिया के जरिए रखे।
कैंप्स में बंटी है इंडस्ट्री: रवीना टंडन
सुशांत सिंह की मौत के बाद रवीना टंडन ने भी इंडस्ट्री में गुटबाजी को लेकर ट्विटर पर अपनी बात रखी। उनका कहना है कि इंडस्ट्री कैंप्स में बंटी है और यहां गंदी राजनीति भी है। उनका कहना है कि गुटबाजी के चलते कभी-कभी कॅरियर बर्बाद हो जाता है। बने रहने के लिए संघर्ष करना पड़ता है, फाइट बैक करना पड़ता है, कुछ सर्वाइव करते हैं कुछ नहीं। उन्होंने इंडस्ट्री में गंदी राजनीति की ओर भी इशारा किया। उनका कहना है कि गंदी राजनीति हर जगह होती है। इससे कई बार मन खट्टा होता है। जितना उन्होंने मुझे दबाने की कोशिश की, उतनी तेजी से मैंने फाइट बैक किया। यहां अच्छे लोग हैं और ऐसे लोग भी हैं जो गंदा काम करते हैं। हर तरह के लोग हैं, लेकिन दुनिया ऐसी ही है।
ताकत का सही इस्तेमाल हो
अभिनेता रणवीर शौरी ने ट्वीट कर लिखा, 'सुशांत के इस कदम के लिए किसी को दोषी ठहराना सही नहीं है। इस सब के बीच फिल्म इंडस्ट्री के गेटकीपर्स के बारे में बात होनी चाहिए।' उनका कहना है कि जो इंडस्ट्री में सब ठीक करने की ताकत तो रखते हैं, लेकिन वो इसे ठीक करने के लिए कुछ करते नहीं। उनसे कोई सवाल नहीं किया जाएगा।
वहीं विवेक ओबेरॉय का कहना है कि हमें बेहतरी के लिए बदलना होगा। लोगों को एक-दूसरे की बुराई करने के बजाए उनकी देखभाल करनी होगी। अपनी ताकत का दिखावा कम करके बड़ा दिल दिखाना होगा। योग्य लोगों को तरजीह देनी होगी। हुनर को कुचलने के बजाए पोषित करना होगा। बॉलीवुड अभिनेता गुलशन दैवेया और प्रियंका चोपड़ा की बहन मीरा चोपड़ा ने ट्वीट करके कहा कि अगर किसी को लगता है कि बॉलीवुड एक परिवार है तो यह उसकी गलतफहमी है। यह काम करने की जगह के नाम पर एक काल्पनिक दुनिया है और कुछ नहीं।
छीन ली गई थीं फिल्में: संजय निरुपम
कांग्रेस नेता संजय निरुपम ने भी ट्वीट के जरिए बॉलीवुड इंडस्ट्री पर सवाल उठाए हैं। उनके मुताबिक, 'छिछोरे' की सक्सेस के बाद सुशांत ने करीब 7 फिल्में साइन की थीं, जो बड़े प्रोडक्शन हाउस की थीं। अचानक सभी फिल्मों से उनका नाम वापस ले लिया गया क्यों? फिल्म इंडस्ट्री की निष्ठुरता एक अलग लेवल पर काम करती है। बॉलीवुड अभिनेता धर्मेन्द्र ने भी इंडस्ट्री को निष्ठुर और निर्दयी बताया।
नेपोटिज्म का मुद्दा भी गर्माया
गुटबाजी के साथ ही नेपोटिज्म यानी परिवारवाद का मुद्दा भी उठ रहा है। हालांकि यह कोई नई बात नहीं है। कंगना रनोत और सोनाक्षी सिन्हा जैसी अभिनेत्रियों ने बॉलीवुड में नेपोटिज्म होने की बात की है। कई बार यह बात पहले भी उठ चुकी है कि नेपोटिज्म की वजह से बाहरी व्यक्ति को यहां जगह बनाने के लिए काफी संघर्ष करना पड़ता है।
इंटरनेशनल स्पेस यूनिवर्सिटी ने दी श्रद्धांजलि
फ्रांस की एक स्पेस यूनिवर्सिटी ने भी सुशांत की मौत पर दुख व्यक्त करते हुए उन्हें श्रद्धांजलि दी है। ट्वीट में लिखा गया है कि सुशांत की मौत से दुख हुआ। वे एक आस्तिक और साइंस, टेक्नोलॉजी, इंजीनियरिंग व मैथमेटिक्स एजुकेशन के सपोर्टर थे।
प्रोफेशनल राइवलरी की भी जांच होगी
बॉलीवुड पर उठ रहे सवालों के बाद महाराष्ट्र के गृह मंत्री अनिल देशमुख ने सुशांत सिंह राजपूत की पुलिस जांच आगे बढ़ाने के आदेश दिए हैं और हर पहलू से छानबीन करने की बात कही है। प्रोफेशनल राइवलरी के एंगल से भी जांच की जाएगी।
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