-दिनेश ठाकुर
लहरों के साथ तो सभी बह लेते हैं, कमाल वही करते हैं, जो बहाव के खिलाफ बहने का हुनर जानते हैं। कनाडा में बसीं भारतीय मूल की फिल्मकार दीपा मेहता ( Deepa Mehta ) उन फिल्मकारों में गिनी जाती हैं, जो लीक से हटकर फिल्में बनाते हैं और दुनिया को वैचारिक उजाला देते हैं। फिल्म-त्रयी 'अर्थ- 1947' ( Earth 1947 Movie ), 'फायर' ( Fire Movie ) और 'वाटर' ( Water Movie ) के लिए विशिष्ट पहचान रखने वालीं दीपा मेहता बखूबी जानती हैं कि भारत में संजीदा विषयों और सामाजिक कुरीतियों पर फिल्में बनाना तलवार की धार पर चलने के कम नहीं है।
आमिर खान और नंदिता दास को लेकर विभाजन की पृष्ठभूमि पर 'अर्थ- 1947' से पहले जब उन्होंने दो महिलाओं (शबाना आजमी, नंदिता दास) के समलैंगिक संबंधों पर 'फायर' पेश की, तो जैसे आग ही लग गई। देशभर में इस फिल्म के खिलाफ प्रदर्शन हुए, क्योंकि इससे पहले तक समलैंगिकता पर फिल्म बनाना तो दूर, इस विषय पर चर्चा को भी वर्जित माना जाता था। वाराणसी की विधवा महिलाओं की दुर्दशा पर 'वाटर' (लिजा रे, जॉन अब्राहम) शूटिंग के दौरान ही विरोधियों के निशाने पर आ गई थी। नतीजतन वाराणसी के बदले यह फिल्म सेंट लूसिया में फिल्माई गई।
'फायर' के बाद भारत में समलैंगिकता पर फिल्में बनाने का सिलसिला शुरू हुआ। अब तक इस विषय पर दर्जनों फिल्में बन चुकी हैं। मजेदार बात यह है कि इनमें से किसी को लेकर वैसा हंगामा नहीं हुआ, जैसा 'फायर' को लेकर हुआ था। इन फिल्मों में 'दोस्ताना' (जॉन अब्राहम, अभिषेक बच्चन, प्रियंका चोपड़), 'अलीगढ़' (मनोज बाजपेयी, राजकुमार राव), 'बॉम्बे टाकीज' (रानी मुखर्जी, रणदीप हुड्डा, साकिब सलीम), 'एक लड़की को देखा तो ऐसा लगा' (सोनम कपूर, जूही चावला ), 'माय ब्रदर निखिल' (संजय सूरी, पूरब कोहली) और 'शुभ मंगल ज्यादा सावधान' (आयुष्मान खुराना, नीना गुप्ता) शामिल हैं।
मीरा नायर (सलाम बॉम्बे, मानसून वेडिंग) और गुरिंदर चड्ढा (भाजी ऑन द बीच, बेंड इट लाइक बेकहम) की तरह दीपा मेहता का क्रॉसओवर सिनेमा दुनिया के लिए भारत को जानने, समझने की खिड़की है। इसीलिए उनकी 'बॉलीवुड/ हॉलीवुड' (लिजा रे, राहुल खन्ना), 'हेवन ऑन अर्थ' (प्रीति जिंटा, वंश भारद्वाज), 'मिडनाइट्स चिल्ड्रन' (शबाना आजमी, श्रिया सरन) और 'बीबा बॉयज' (रणदीप हुड्डा, अली काजमी) भारत के बजाय बाकी दुनिया में ज्यादा पसंद की गईं।
दिल्ली के निर्भया कांड पर 'एनेटॉमी ऑफ वॉइलेंस' ( Anatomy of Violence ) के चार साल बाद दीपा मेहता अब 'फनी बॉय' ( Funny Boy ) लेकर आ रही हैं। इसका डिजिटल प्रीमियर 10 दिसम्बर को होगा। श्याम सेल्वदुरै के इसी नाम के उपन्यास पर आधारित यह फिल्म सत्तर से अस्सी के दशक के दौरान श्रीलंका में तमिलों और सिंहलियों के संघर्ष के बीच एक युवक के अनुभवों के बारे में है। दीपा मेहता की ज्यादातर फिल्मों में काम कर चुकीं सीमा बिस्वास के अलावा अरुष नंद, अली काजमी, ब्रेंडॉन इंग्राम और अगम दर्शी 'फनी बॉय' के कलाकारों में शामिल हैं। इस बार दीपा मेहता की फिल्म का परिवेश भारतीय नहीं है, लेकिन वे भावनाएं जरूर होंगी, जो दुनिया के हर हिस्से के इंसान की पूंजी हैं।
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