नई दिल्ली। एक समान्य इंसान से लेकर बड़े से बड़ा एक्टर भी अस्पताल के नाम से खौफ खाता है। क्योंकि अस्पताल में जहां मरीज अच्छा होकर आता है तो वही कोई मौत के मुंह में भी चला जाता है। ऐसा ही डर बॉलीवुड के किंग खान शाहरुख खान को भी होता है। वे अस्पताल में जाने से बैचेन हो जाते है। इतना ही नही जब वो अपने किसी प्रियजनों को अस्पताल के बिस्तर पर देखते है तो बेचैन हो जाते हैं। इस बात का खुलासा शाहरुख ने साल 1998 में हुए एक इंटरव्यू के दौरान किया था। जिसमें बताया था कि जब वो 15 साल के थे तब उन्होंने अपने पिता को खो दिया और 26 साल की उम्र में मां को। इन दोनों को ही तबीयत खराब होने के चलते अस्पताल में भर्ती कराया गया लेकिन उन्हें वहां पर ले जाकर भी बचाया नही जा सका। उस समय से शाहरुख को ऐसा गहरा झटका लगा कि वो आज भी पुराने दिनों को याद करके डर जाते है।
इसके अलावा दूसरी घटना तब घटी थी जब पत्नी गौरी खान ने पहले बच्चे आर्यन खान को जन्म दिया था। बच्चे के जन्म देने से पहले वो प्रसव पीड़ा से गुजर रही थीं पत्नि को दर्द से तड़फते देख शाहरुख डर गए थे। एक्टर ने सोचा कि उनकी पत्नी भी उन्हें छोड़कर चली जाएगी।
शाहरुख ने 1998 में दिए एक इंटरव्यू में कहा था कि गौरी को कभी ऐसा बीमार होते नही देखा कि अस्पताल में भर्ती कराने की नौबत आए। लेकिन पहले बेटे के जन्म के दौरान वो काफी पीड़ा में थी।उनकी बढ़ती पीड़ा को देखते हुए उन्हे अस्पताल में भर्ती कराना पड़ा। जब मैंने उसे अस्पताल में देखा तो उन्हें ट्यूब और दूसरी कई चीजें उसके शरीर पर लगा दी गई थीं। पत्नी गौरी ठंड से कांप भी रही थी।और बेहोश की हालत में थी और मैं उसके साथ ऑपरेशन के लिए ऑपरेशन थिएटर तक गया... उस समय मुझे लगने लगा कि वह मर जाएगी। उस समय मैंने बच्चे के बारे में सोचा भी नहीं था। वह चाहते थे कि गौरी को फिर से होश में आए और स्वस्थ होकर घर आ जाए ।
शाहरुख ने बताया, 'वह दर्द से बहुत तड़फी थी। लेकिन मै जानता हूं कि आप बच्चों को जन्म देते समय नहीं मरते... लेकिन पुरानी यादों ने मेरे अंदर उस डर को एक बार फिर से जिंदा कर दिया था।' बता दें कि शाहरुख और गौरी के तीन बच्चे हैं- आर्यन खान, सुहाना खान और अबराम। बॉलीवुड का यह पावर कपल इस साल 25 अक्टूबर को अपनी 30वीं शादी की सालगिरह मनाएगा।
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