test

नेगेटिविटी घर में ना आए इसलिए सबसे पहले ट्विटर डिलिट किया: सूरज पंचोली

अनुराग त्रिवेदी
'मैंने पिछले सात साल में अपने जीवन में बहुत से उतार-चढ़ाव देखे हैं, ऐसा भी टफ टाइम देखा है, जब मेरे साथ कोई नहीं था। उस समय मेरी फैमिली ने मुझे बहुत सपोर्ट किया, मां और बहन ने मेरे हर कदम पर साथ दिया। मेरी मां कहती है कि टफ टाइम उन लोगों को मिलता है, जिनको भगवान और स्ट्रॉन्ग बनाना चाहते है। मैंने अपने आप पर और फैमिली पर विश्वास रखा है। यह मैं अच्छे से जानता हूं कि यदि मैं गलत हूं तो मुझे कोई नहीं बचा सकता और मैं गलत नहीं हूं तो मुझे कोई डूबा नहीं सकता है।' यह कहना है, एक्टर सूरज पंचोली का। फिल्म 'सेटेलाइट शंकर' के प्रमोशन के लिए जयपुर आए सूरज ने पत्रिका से बात करते हुए कहा कि मुझे मुम्बई के न्यूजपेपर्स से सबसे ज्यादा परेशानी हुई है, उन्होंने जो मेरे बारे सुना वही छाप दिया। इसके बाद पता चला कि पैन का पावर गन के पावर से भी स्ट्रॉन्ग होता है, क्योंकि वह डायरेक्ट दिल पर लगता है।
उन्होंने कहा कि मैंने आज तक इस विषय पर कभी खुलकर बात नहीं की है, क्योंकि कोर्ट में मामला चल रहा है। अब इतने साल हो गए है, लोग मेरी चुप्पी को कमजोरी समझ रहे हैं, ऐसे में अपनी बात कहने में झिझक नहीं रहा हूं। मुझ पर सोशल मीडिया के जरिए लगातार नेगेटिव कमेंट किए जाते हैं। ऐसे मैंने घर पर नेगेटिविटी को नहीं लाने का फैसला लिया और सबसे पहले ट्विटर अकाउंट को डिलिट किया। इसके बाद न्यूजपेपर बंद हो गए और फिर न्यूज चैनल को सबस्क्राइब करना बंद कर दिया।

 

[MORE_ADVERTISE1]नेगेटिविटी घर में ना आए इसलिए सबसे पहले ट्विटर डिलिट किया: सूरज पंचोली[MORE_ADVERTISE2]

आर्मी के लिए आम लोग क्या करें, फिल्म में दिखाया है

सूरज ने कहा कि 'यह फिल्म आर्मी मैन की कहानी है, जो अपनी मां से मिलने निकलता है और उसे वहां तक पहुंचने में बहुत सी कठिनाईयों का सामना करना पड़ता है। ऐसे में कैसे आम भारतीय लोग उसकी मदद करते हैं और घर तक पहुंचाते हैं। यही इसमें दिखाया गया है। सोल्जर अपने देश के लिए बहुत कुछ करते हैं, लेकिन हम क्या कर सकते हैं, यही इस फिल्म का मैसेज है। उन्होंने कहा कि मैं चाहता था कि अपने कॅरियर में एक बार सैनिक के रूप में परदे पर दिखूं, वॉर का हिस्सा बनूं। यह एक अलग कहानी है, इसमें वॉर तो नहीं है लेकिन यह सोल्जर की रियल लाइफ है। यह ट्रेवलिंग फिल्म है, इसमें पूरा इंडिया कनेक्ट किया है। कश्मीर से कन्या कुमारीे तक ट्रेवल किया है।

[MORE_ADVERTISE3]
नेगेटिविटी घर में ना आए इसलिए सबसे पहले ट्विटर डिलिट किया: सूरज पंचोली

घर पर कभी फिल्मों की बात नहीं होती
उन्होंने कहा कि हमारे घर की टेबल पर कभी फिल्मों की बात नहीं होती है, मां और पिता दोनों फिल्म इंडस्ट्री से जुड़े हुए हैं, लेकिन हम घर के अंदर कभी फिल्मों की बात नहीं करते हैं। यहां तक की बचपन में पिता की फिल्मों की शूटिंग देखने भी मैं नहीं जाया करता था। हमारे घर में सिर्फ फैमिली, खाने या घूमने की बात होती है। हमारी फिल्मी फैमिली है, लेकिन घर पर हम फिल्मी नहीं रहे हैं। १८ साल की उम्र में बतौर असिस्टेंट डायरेक्टर काम करना शुरू किया, 'गुजारिश' के वक्त मैंने संजय लीला भंसाली को असिस्ट किया, वहीं 'एक था टाइगर' फिल्म के समय कबीर खान को असिस्ट कर रहा था। मैंने जो सीखा है, यहीं से सीखा है। कभी घर में नहीं पूछा कि कैसे काम करते हैं। फादर के इंटेंस सीन सबसे अलग होते थे और मां का इमोशन बहुत स्ट्रॉन्ग था और यह मैंने सीखा है। यह भी मैंने पूछकर नहीं सिर्फ देखकर सीखा है। अभी बॉक्सिंग पर आधारित एक फिल्म कर रहा हूं, जो रियल स्टोरी है। यह हरियाणा पर आधारित है। इस पर काम शुरू कर दिया है, हरियाणा में तैयारी शुरू हो गई है।



from Patrika : India's Leading Hindi News Portal https://ift.tt/2JKH0Do
नेगेटिविटी घर में ना आए इसलिए सबसे पहले ट्विटर डिलिट किया: सूरज पंचोली नेगेटिविटी घर में ना आए इसलिए सबसे पहले ट्विटर डिलिट किया: सूरज पंचोली Reviewed by N on November 03, 2019 Rating: 5

No comments:

Powered by Blogger.