'हीमैन' धर्मेन्द्र Dharmendra को अपने सिने कॅरियर के शुरुआती दौर में संघर्ष करना पड़ा। शुरुआत में निर्माता-निर्देशक उन्हें यह कहते थे कि आप बतौर अभिनेता फिल्म इंडस्ट्री के लिए उपयुक्त नहीं हैं। आपको अपने गांव वापस लौट जाना चाहिए। उनका बचपन से ही फिल्मों की ओर रूझान था। वे फिल्मों के इस कदर दीवाने थे कि अभिनेत्री सुरैया की फिल्म देखने के लिए मीलों चलकर शहर जाते थे। उन्होंने वर्ष 1949 में प्रदर्शित फिल्म 'दिल्लगी' 40 बार देखी। धर्मेन्द्र dharmendra birthday का जन्म 08 दिसंबर, 1935 को पंजाब में हुआ।
'दिल भी तेरा हम भी तेरे' से मिला चांस
फिल्मों में एंट्री को लेकर एक विज्ञापन देखकर धर्मेन्द्र नौकरी छोड़कर मुंबई चले आए। फिल्म इंडस्ट्री में बतौर अभिनेता काम पाने के लिए धर्मेन्द्र एक स्टूडियो से दूसरे भटकते रहे। वे जहां भी जाते उन्हें खरी खोटी सुननी पड़ती थी। क्योंकि वे विवाहित थे। इस दौरान की उनकी मुलाकात निर्माता-निर्देशक अर्जुन हिंगोरानी से हुई और उन्होंने अपनी फिल्म 'दिल भी तेरा हम भी तेरे' में उन्हें बतौर अभिनेता चांस दिया। लेकिन असली पहचान उन्हें वर्ष 1966 में प्रदर्शित फिल्म 'फूल और पत्थर' से पहचान मिली।
रियल लाइफ 'ड्रीम गर्ल' बनी हेमा मालिनी
फिल्म इंडस्ट्री के रूपहले पर्दे पर धर्मेन्द्र की जोड़ी हेमा मालिनी के साथ खूब जमी। यह फिल्मी जोड़ी सबसे पहले फिल्म 'शराफत' से चर्चा में आई। फिल्म 'शोले' में हेमा और धर्मेन्द्र की यह जोड़ी इतनी अधिक पसंद की गई कि फिल्म इंडस्ट्री में 'ड्रीम गर्ल' के नाम से मशहूर हेमामालिनी उनके रियल लाइफ की ड्रीम गर्ल बन गईं। शादीशुदा धर्मेन्द्र ने वर्ष 1979 ने हेमा मालिनी ने शादी रचाई। बाद में इस जोड़ी ने 'ड्रीम गर्ल', 'चरस', 'आसपास', 'प्रतिज्ञा', 'राजा जानी', 'रजिया सुल्तान', 'अली बाबा चालीस चोर', 'बगावत', 'आतंक', 'द बर्निंग ट्रेन', 'दोस्त' आदि फिल्मों में एक साथ काम किया।
धर्मेन्द्र जैसा बनना चाहते थे दिलीप कुमार
70 के दशक में हुए एक सर्वेक्षण के दौरान धर्मेन्द्र को विश्व के हैंडसम व्यक्तियों में शामिल किया गया। उनके प्रभावी व्यक्तिव के कायल अभिनय सम्राट दिलीप कुमार भी है। दिलीप कुमार ने धर्मेन्द्र की बढाई करते हुए कहा था जब कभी मैं खुदा के दर पर जाऊंगा मैं बस यही कहूंगा मुझे आपसे केवल एक शिकायत है ..आपने मुझे धर्मेन्द्र जैसा हैंडसम व्यक्ति क्यों नहीं बनाया। धर्मेन्द्र ने सैंकड़ों हिट फिल्में दी, लेकिन पहला अवॉर्ड उन्हें वर्ष 1997 में दिया गया।
12 साल के अंतराल में बेटों को किया लॉन्च
अपने पुत्र सन्नी देओल को को लॉन्च करने के लिए धर्मेन्द्र ने वर्ष 1983 में फिल्म 'बेताब' चुनी तो बॉबी देओल को वर्ष 1995 में 'बरसात' से इंडस्ट्री में लाए। वर्ष 2004 में राजस्थान के बीकानेर से चुनाव लड़कर लोकसभा के सदस्य बने। धर्मेन्द्र ने अपने 5 दशक लंबे कॅरियर में 250 से अधिक फिल्में की। फिलहाल वह फिल्मी दुनिया से दूर अपने फॉर्म हाउस में सब्जियां और फल उगाने में व्यस्त हैं।
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