-दिनेश ठाकुर
गीत-संगीत भारतीय समाज में उसी तरह घुले-मिले हुए हैं जिस तरह पानी में चंदन। अपने देश में हर मौसम और हर मौके के लिए ढेरों गीत हैं। राजश्री वालों की 'हम आपके हैं कौन' के आधे से ज्यादा हिस्से में गाने ही गाने हैं। इस फिल्म के खुशहाल परिवार के सदस्य हमेशा नाच-गाने में व्यस्त रहते हैं। घर के लॉन में 'धिकताना धिकताना' गाते हुए क्रिकेट खेलते हैं। बैठक में बैठे हैं तो 'आज हमारे दिल में अजब इक उलझन है' गाने लगते हैं।
भड़े भाई की शादी में 'जूते दे दो पैसे ले लो' होता है तो छोटे भाई की शादी से पहले भाभी 'लो चली मैं अपने देवर की बारात लेके' के जरिए अपनी गायन-नृत्य कला पेश करना नहीं भूलती। कहने का मतलब यह कि भारतीय समाज और सबके बगैर रह सकता है, गीत-संगीत के बगैर हर्गिज नहीं। इन दिनों कोरोना की दहशत ने लोगों को घरों में बंद कर रखा है। दफ्तर का कामकाज घर से हो रहा है।
इस माहौल में भी गीत-संगीत का सिलसिला जारी है। या यूं कहिए कि पहले से ज्यादा जोर-शोर से जारी है। कोरोना पर अच्छे-बुरे ढेरों गाने वायरल हो रहे हैं। साहिर ने लिखा था- 'मैं जिंदगी का साथ निभाता चला गया/हर फिक्र को धुएं में उड़ाता चला गया।' बदहवासी और दहशत के माहौल में लोग कोरोना पर बने गानों का आनंद लेते हुए फिक्र को धुएं में उड़ाने की कोशिश कर रहे हैं। इस तरह के हौसले और बेफिक्री से ही जिंदगी को लय मिलती है, मायूसियां मिटती है, अंधेरे में उजाले के लिए रास्ते खुलते हैं।
कोरोना पर वायरल हो रहे ज्यादातर गानों की बुनियादी लय कॉमेडी है। सोशल मीडिया और यूट्यूब चैनल पर कई भोजपुरी गाने हैं, जिनमें हंसी-मजाक के साथ वह फूहड़ता भी है, जिसके लिए भोजपुरी फिल्में और गाने बदनाम हैं। भोजपुरी अभिनेत्री पूनम दुबे भले यह कहें कि बॉलीवुड और दक्षिण की फिल्मों में भी अश्लीलता होती है, सब जानते हैं कि ज्यादातर भोजपुरी फिल्मों में फूहड़ता किस तरह लाज-शर्म को क्लीन बोल्ड करती है।
भोजपुरी सुपर स्टार खेसारी लाल के 'चीन से आईल कोरोना वायरस' के बाद खुशबू उत्तम और प्रवीण उत्तम का एक गाना वायरल हुआ है। इसके बोल दाखिए- 'फोन पे ही होगा अपना रोमांस/ सामने से मिलने का नहीं कोई चांस/ गिफ्ट में क्या चाइना से कोरोना वायरस लाए हो/ सांप और चमगादड़ क्या तुम वहीं खाए हो।' बातचीत शैली के इस गाने के वीडियो में गायक-गायिका का मकसद संदेश देने के बजाय चटपटा आइटम पेश करना ज्यादा लगता है।
एक दूसरे वीडियो में कवि सिंह गाकर संदेश दे रही हैं- 'खांसी जुकाम बुखार आए तो डॉक्टर को दिखलाएं/ एक मीटर की दूरी हो जब औरों से बतियाएं/ कोरोना वायरस को दुनिया से मिलकर भगाना है/ मुश्किल की इस घड़ी में बिल्कुल नहीं घबराना है/ बार-बार हाथों को धोकर बिल्कुल साफ बनाना है।' कोरोना ने देसी रैप गायक बाबा सहगल को भी सक्रिय कर दिया है। यूट्यूब पर उनका गाना 'जनता कर्फ्यू' आया है। इसमें वे कहते हैं- 'कोरोना गो गो गो ना, घर में रहकर खाते-पीते ऐश करो ना/ जनता का कफ्र्यू लग गया/ फाइनली देश जग गया।' इससे पहले वे 'नमस्ते' गाने में नमस्ते का गुणगान कर चुके हैं। उनका कहना है कि टीवी पर प्रिंस चाल्र्स को नमस्ते की मुद्रा में देखने पर उन्होंने यह गाना बनाया। इसमें वह गाते हैं- 'जमीर हम लोगों का मैला हुआ है/ इसीलिए वायरस ये फैला हुआ है।' पाकिस्तानी पॉप गायक अली जफर का भी एक गाना 'को को कोरोना, हाथों को धोना' वायरल हो रहा है। और भी कई गाने वायरल हुए हैं, जिनमें कॉमेडी का तड़का लगाकर कोरोना का बैंड बजाया गया है।
गंभीर और संवेदनशील मुद्दे का मजाक उड़ाने का हवाला देकर इन गानों को सिरे से खारिज नहीं किया जा सकता। यह कुछ देर के लिए ही सही, हल्का-फुल्का मनोरंजन तो कर ही रहे हैं। चिंताओं के ऐसे दौर में, जहां तनाव घटने की मियाद फिलहाल नजर नहीं आ रही हो, इस तरह के हल्के-फुल्के लम्हे बहुत जरूरी हैं। जैसा मोहम्मद रफी का एक पुराना गाना है- 'भीड़ में मेले में, सूने में अकेले में, डर लगे तो गाना गा..।'
from Patrika : India's Leading Hindi News Portal https://ift.tt/3brEZaq
No comments: