test

रेल कोच के टॉयलेट के पास सोते थे Sonu Sood, बहन मल्विका ने कहा, उसे मजदूरों का दर्द पता है

नई दिल्ली: बॉलीवुड एक्टर सोनू सूद (Sonu Sood) इन दिनों प्रवासी मजदूरों के मसीहा के तौर पर सामने आए हैं। जब से देश में कोरोना वायरस (Coronavirus In India) ने दस्तक दी है, तभी से रोजी रोटी के लिए गांव से शहर में आए प्रवासी मजदूरों (Migrant Workers) का पलायन जारी है। लेकिन मजदूरों को पैदल सड़कों पर चलता देख सोनू सूद ने उनकी मदद (Sonu Sood Helping Migrants) करने का फैसला लिया। उन्होंने अपने खर्चे पर बसों का इंतजाम किया और प्रवासी मजदूरों को खाना के साथ उनके घर भेजा। अभी तक वह हजारों लोगों को घर भेज चुके हैं। ऐसे में हर तरफ उनकी तारीफ हो रही है। लेकिन उनकी बहन मल्विका सूद ने बताया कि एक वक्त ऐसा भी था, जब सोनू ट्रेन कोच के टॉयलेट के पास छोटी सी जगह जो खाली होती थी, उसपर सोकर घर आता था।

टॉयलेट के पास सोते थे सोनू

दरअसल, पंजाब के मोगा में रह रहीं मल्विका (Malvika Sood) ने सोनू सूद के संघर्ष (Sonu Sood Struggle Days) की कहानी बयां की है। वह बताती हैं कि जब मेरा भाई नागपुर में इंजीनियरिंग का छात्र था, वह ट्रेन के कंपार्टमेंट में टॉयलेट के पास छोटी सी खाली जगह में सोकर घर आता था। मेरे पिता उसे पैसे भेजते थे लेकिन उसकी कोशिश हमेशा पैसे बचाने की होती थी। वह पिताजी की कड़ी मेहनत की काफी कद्र किया करता था। जब वह मुंबई में मॉडलिंग (Sonu Sood Medlling Career) में स्ट्रगल कर रहा था तो ऐसे कमरे में रहता था, जहां करवट बदलने की भी जगह नहीं थी। करवट बदलने के लिए उसे खड़ा होना पड़ता था।

sonu-sood.jpeg

पहली फिल्म की रिलीज के बाद किया खुलासा

बहन मल्विका ने कहा कि ऐसा नहीं है कि पिताजी उसे पैसे नहीं भेजते थे लेकिन वह पिता के पैसों को बहुत ही हिफाजत के साथ खर्च करना चाहता था। मल्विका ने यह भी बताया कि वह ट्रेन में कैसे सफर करके आते हैं और मुंबई में किस हाल में रह रहै हैं, इस बात की भनक कभी उन्होंने परिवार वालों को नहीं लगने दी थी। लेकिन जब उनकी पहली मूवी रिलीज हुई तो घर आकर उन्होंने कहा कि आज मैं सीट पे बैठके आया हूं, बड़ा अच्छा लग रहा है। इसके बाद उसने हम लोगों को बताया कि वह ट्रेन में अक्सर पेपर के शीट पर बैठकर ट्रैवल करता है।

माता-पिता से थे काफी अटैच

सोनू सूद की बहन ने यह भी बताया कि सोनू अपने माता-पिता (Sonu Sood Parents) से काफी अटैच थे। आज वह जो कुछ कर रहे हैं, इसलिए कर रहे हैं ताकि वो उनपर गर्व कर सकें। सोनू उन्हें इतना मिस करते हैं कि उन्होंने जो कुछ सिखाया है उसे जिंदा रखना चाहते हैं। आपको बता दें कि सोनू सूद अभी तक 18 हजार से ज्यादा प्रवासी मजदूरों को उनके घर भेज चुके हैं।



from Patrika : India's Leading Hindi News Portal https://ift.tt/2Y16dQq
रेल कोच के टॉयलेट के पास सोते थे Sonu Sood, बहन मल्विका ने कहा, उसे मजदूरों का दर्द पता है रेल कोच के टॉयलेट के पास सोते थे Sonu Sood, बहन मल्विका ने कहा, उसे मजदूरों का दर्द पता है Reviewed by N on June 05, 2020 Rating: 5

No comments:

Powered by Blogger.