नई दिल्ली। कल यानी को 21 अक्टूबर को हिंदी सिनेमा को एक नई परिभाषा देने वाले अभिनेता शम्मी कपूर का जन्म है। उनका जन्म 1931 में बॉम्बे के अजिंक्य अस्पताल में हुआ था। उनका असली नाम शमशेर राज कपूर था। ऐसा कहा जाता है कि शम्मी कपूर खानदान के पहले बच्चे थे जिनका जन्म अस्पताल में हुआ था। उनके जन्म से पहले ही उनको दो भाइयों की मौत हो चुकी थी। जिसकी वजह से पूरा परिवार शम्मी के जन्म को लेकर भी काफी परेशान था। शम्मी को बड़े ही लाडल प्यार से पाला गया है। चलिए इस खास मौके पर आपको उनकी जिंदगी से जुड़ी कुछ अनसुनी बातें बतातें हैं।
राज कपूर की वजह से छोड़ा स्कूल
पृथ्वीराज कपूर शम्मी के पैदा होने के बाद अपने परिवार को लेकर कलकत्ता चले गए थे। जहां वह लगभग सात से आठ सालों तक वहीं रहे। 1939 में शम्मी के पिता न्यू थिएटर्स को छोड़कर मुंबई वापस आ गए और रणजीत स्टूडियो जॉइन कर लिया। जहां उन्होंने 1939 में पृथ्वी थिएटर्स की शुरूआत करते हुए पहला नाटक 'शकुंतला' किया। इस प्ले में पहली बार शम्मी कपूर को भी अपनी एक्टिंग दिखाने का मौका मिल रहा था। वहीं राज कपूर चाहते थे कि शम्मी शंकुतला नाटक के लिए स्कूल से छुट्टी ले लें, लेकिन स्कूल से इस बात राजी नहीं थे। यह बात सुन राज कपूर शम्मी के स्कूल प्रिसिंपल पर काफी भड़क गए और उन्होंने शम्मी का स्कूल ही छुड़वा दिया।
पिता ने कभी नहीं किया लॉन्च
इंडस्ट्री में शुरूआत से मना जाता है कि स्टार किड्स को फिल्मों में काम करने के लिए ज्यादा स्ट्रगल नहीं करना पड़ता है। लेकिन शम्मी कपूर संग ऐसा कुछ नहीं हुआ। उनके पिता ने उन्होंने कभी फिल्मों में काम नहीं दिया और ना ही उन्हें लॉन्च किया। शम्मी ने अपने फिल्मी करियर की शुरूआत बतौर जूनियर आर्टिस्ट के तौर पर शुरू की थी। जिसके लिए उन्हें 150 रुपए मिलते थे।
पहली फिल्म
शम्मी कपूर ने 1953 से फिल्म 'जीवन ज्योति' से फिल्म इंडस्ट्री में कदम रखा था। जिसके बाद उन्होंने जंगली, तुमसा नहीं देखा, दिल देके देखो, कॉलेज गर्ल, चाइना टाउन, प्यार किया तो डरना जैसी बेहतरीन फिल्में की। उनके अलग अंदाज की वजह से उन्हें हर उम्र के लोग देखना पसंद करते थे। यही नहीं उन्होंने 1968 में आई फिल्म 'ब्रह्मचारी' के उन्हें सर्वश्रेष्ठ अभिनेता के लिए फिल्मफेयर पुरस्कार भी नवाज़ा गया। शम्मी ने 50 से अधिक फिल्मों में काम किया है। वहीं 20 फिल्मों में वह सपोर्टिंग एक्टर के रूप में भी दिखाई दिए हैं।
जॉनी वॉकर से ली शादी की प्रेरणा
अभिनेता शम्मी ने कपूर ने 23 साल की उम्र में ही अपने हमसफर का चुनाव कर लिया था। वह एक्ट्रेस गीता बाली से प्यार करने लगे थे। दोनों की ही मुलाकात फिल्म 'कॉफी हाउस' में हुई थी। जिसके बाद दोनों ने रंगीन रातें फिल्म में साथ में काम किया। इस फिल्म की शूटिंग के लिए शम्मी और गीता रानीखेत गए थे। जहां पर दोनों की लव स्टोरी शुरू हो गई। बताया जाता है कि शम्मी रोज गीता से कहते थे कि वह उनसे बेहद प्यार करते हैं क्या वह उनसे शादी करेंगी?
गीता हर बार ना कह देती। लेकिन एक बार अचानक से गीता ने शादी के हां कह दिया और शर्त रखी कि वह आज ही शादी करना चाहती हैं। यह सुन शम्मी चौंक गए उन्होंने जब पूछा कि यह कैसे मुमकिन है तो गीता ने जानी वॉकर का उदाहरण देते हुए कहा कि उन्होंने भी तो बीते हफ्ते शादी की है। गीता और शम्मी ने जॉनी वॉकर के पास गए तो वह भी इस बात सुन कर चौंक गए थे। उन्होंने दोनों से कहा कि वह मुसलमान आदमी है इसलिए उन्होंने मस्जिद में शादी की थी। तुम लोग मंदिर में जाओ। यह सुन दोनों मंदिर गए और दोनों ने एक-दूसरे को वरमाला पहनाई और मांग भरते हुए तुरंत गीता ने अपने पर्स से लिपस्टिक निकाल ली। शम्मी ने इस पल को उनकी जिंदगी का सबसे खूबसूरत पल बताया था।
हाथी ने तोड़ा पैर
1964 में फिल्म राजकुमार की शूटिंग के दौरान शम्मी हाथी पर बैठ थे। वह गाने आगे पीछे हमारी सरकार, यहां के हम हैं राजकुमार की शूटिंग कर रहे थे। शूटिंग के दौरान हाथी के गले में जंजीर बंधी हुई थी। इस बीच हाथी धीरे-धीरे अपनी गर्दन घुमाने लगा और शम्मी का बैलेंस भी बिगड़ने लगा। शॉट चल रहा था इसलिए उन्होंने भी रोका नहीं। लेकिन अचानक से उनके साथ हादसा हो गया और उनका पैर टूट गया। जिसके बाद वह काफी महीनों तक शूट नहीं कर पाए।
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