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आज भी फिल्मों में सक्रिय हैं 83 साल की Waheeda Rehman, जल्द 'डेजर्ट डॉल्फिन' में नजर आएंगी

-दिनेश ठाकुर

वहीदा रहमान ( Waheeda Rehman ) 3 फरवरी उम्र के 83 साल पूरे कर रही हैं। गौरव, गरिमा और बेशुमार उपलब्धियों के 83 साल। वह वहीदा ही हैं, जिन्होंने हिन्दी सिनेमा में 'आज फिर जीने की तमन्ना है' के साथ नायिकाओं की पारम्परिक छवि को तोड़ा था। उनका 'तोड़के बंधन, बांधी पायल' हमारे सिनेमा में महिला आजादी का पहला स्वर था। 'गाइड' के इस गीत में नाचते-झूमते वह ट्रक से फेंककर मटका फोड़ती हैं। गोया भारतीय महिला से जुड़ीं तमाम रूढिय़ों को तोड़-फोड़ देना चाहती हों। गुरुदत्त की खोज वहीदा रहमान गरिमा, सौंदर्य और सादगी की मिसाल हैं। उन्होंने अदाकारी को सिर्फ पर्दे की सजावट तक सीमित नहीं रखा। न फिल्मों की गिनती बढ़ाने के लिए उन लटके-झटकों का सहारा लिया, जो बाद में खुद उन्हें शर्मिंदा करें। अपनी पहली हिन्दी फिल्म 'सीआइडी' (1956) के करारनामे में उनकी दो प्रमुख शर्तें थीं- अपने परिधान वह खुद तय करेंगी और ऐसे सीन कतई नहीं करेंगी, जो उन्हें सहज न रहने दें। बाद की फिल्मों में भी उन्होंने इन्हीं शर्तों पर काम किया।

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'गाइड' के जमाने से काफी बदल गया उदयपुर
उम्र के इस पड़ाव पर भी वहीदा रहमान फिल्मों में सक्रिय हैं। जल्द ही वह भारत-अमरीका की साझेदारी में बनी 'डेजर्ट डॉल्फिन में नजर आएंगी। इस फिल्म की ज्यादातर शूटिंग उदयपुर में हुई है। दो साल पहले इसकी शूटिंग में हिस्सा लेने वहीदा रहमान उदयपुर पहुंचीं, तो 'गाइड' से जुड़ीं यादें हरी हो गईं। इस फिल्म की तमाम शूटिंग भी उदयपुर में हुई थी। मुनीर नियाजी का शेर है- 'वापस न जा वहां कि तेरे शहर में मुनीर/ जो जिस जगह पे था, वो वहां पर नहीं रहा।' उदयपुर 'गाइड' के जमाने का उदयपुर नहीं रहा। फिल्म में वहीदा रहमान ट्रेन से मीटर गेज वाले जिस उदयपुर स्टेशन पर उतरती हैं, वह पूरी तरह बदल चुका है। जिन रास्तों पर 'आज फिर जीने की तमन्ना है' और जिस होटल में 'दिन ढल जाए' फिल्माए गए थे, वहां का माहौल भी बदल गया है। हां, भारतीय लोक कला मंडल की इमारत उसी शान से खड़ी है। यहां 'पिया तोसे नैना लागे रे' और 'क्या से क्या हो गया' फिल्माए गए थे।

निर्देशक मंजरी मैकीजेनी की पहली फिल्म
'डेजर्ट डॉल्फिन' बतौर निर्देशक मंजरी मैकीजेनी की पहली फिल्म होगी। वह मोहन मैकीजेनी की बेटी हैं, जिन्हें दुनिया मैकमोहन ('शोले' के सांभा) के नाम से जानती है। मंजरी इससे पहले प्रियंका चोपड़ा की 'सात खून माफ' और रणबीर कपूर की 'वेक अप सिड' में सहायक-निर्देशक के तौर पर काम कर चुकी हैं। अपनी बहन विनती मैकीजनी के साथ उन्होंने पिता के नाम पर मैक प्रॉडक्शंस नाम की निर्माण संस्था बनाई है। 'डेजर्ट डॉल्फिन' एक अमरीकी कंपनी के साथ इसी बैनर के तहत बनाई गई है। यह हिन्दी और अंग्रेजी में एक साथ रिलीज की जाएगी।

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उदयपुर को स्केट पार्क की सौगात
'डेजर्ट डॉल्फिन' राजस्थान की आदिवासी युवती (रशेल संचिता) की कहानी है, जो एक ब्रिटिश युवती (अमृत मघेरा) के सम्पर्क में आने के बाद स्केटबोर्डिंग सीखती है और इस खेल की चैम्पियन के तौर पर उभरती है। भारत में स्केटबोर्डिंग फिलहाल दूसरे खेलों की तरह लोकप्रिय नहीं है। देश के कुछ ही शहरों में स्केट पार्क हैं। उनमें से किसी को चुनने के बजाय मंजरी मैकीजेनी ने शूटिंग के लिए उदयपुर का चयन किया। फिल्म की यूनिट ने वहां खेमपुर गांव में स्केट पार्क तैयार करवाया। शूटिंग खत्म होने के बाद यह पार्क गांव को सौंप दिया गया। यानी झीलों और पहाड़ों के शहर उदयपुर में कई दूसरे साधन-सुविधाओं के साथ अब स्केट पार्क भी है।



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आज भी फिल्मों में सक्रिय हैं 83 साल की Waheeda Rehman, जल्द 'डेजर्ट डॉल्फिन' में नजर आएंगी आज भी फिल्मों में सक्रिय हैं 83 साल की Waheeda Rehman, जल्द 'डेजर्ट डॉल्फिन' में नजर आएंगी Reviewed by N on February 02, 2021 Rating: 5

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