एक्टिंग नहीं इस काम में महारत हासिल करने न्यूयॅार्क गई थीं पूजा बेदी की बेटी, ऐसे जागा एक्टिंग का चस्का
पूजा बेदी ( pooja bedi ) की बेटी और कबीर बेदी ( kabir bedi ) की नातिन अलाया फर्नीचरवाला ( Alaia Furniturewalla ) जल्द ही फिल्म 'जवानी जानेमन' ( jawani janeman ) से बॅालीवुड में डेब्यू करने वाली हैं। इस फिल्म में एक्टर सैफ अली खान ( saif ali khan ) और तब्बू ( tabu ) भी लीड किरदार में हैं। हाल ही अलाया ने पत्रिका एंटरटेंमेंट की टीम से फिल्म और अपनी पर्सनल लाइफ को लेकर खास बातचीत की।
आलिया से अलाया नाम क्यों बदला
अलाया ने बताया कि मुझे इस इंडस्ट्री में अपनी खुद की पहचान बनानी है, साथ ही इंडस्ट्री में पहले से ही एक आलिया ( alia bhatt ) मौजूद हैं, जो काफी टैलेंटिड हैं। यही कारण था जिस वजह से मैंने अपना नाम बदला।
पहले दिन सेट पर बहुत घबराई थी
शूटिंग के शुरूआती दिनों में काफी घबराई हुई थी क्योंकि यह मेरी पहली फिल्म थी। लेकिन बाद में सैफ सर और तब्बू मैम ने मुझे बहुत अपनापन दिया। अगर मुझे एक्टिंग के दौरान कोई तकलीफ होती तो सैफ सर और तब्बू मैम मेरी बहुत मदद करते थे। तो यह सेट बाद में परिवार जैसा लगने लगा।
सिया का किरदार बिल्कुल मेरे जैसा
मैं फिल्म के कैरेक्टर से बहुत रिलेट कर पाती हूं। सिया बिल्कुल मेरे जैसी है। लेकिन हां स्टोरी मेरी रियल लाइफ से बहुत अलग है। मुझे सिया की मॅार्डन सोच बहुत पसंद आई। वह अपने पिता को लेकर बहुत इमोशनल नहीं है, क्योंकि उसके साथ बचपन से उसकी मां रही। बस वह जानना चाहती है कि वो उसके पिता हैं या नहीं। कुल मिलाकर मुझे स्टोरी का ट्रीटमेंट काफी पसंद आया।
सैफ सर की हर सीख मायने रखती है
सैफ सर ने जब कहा कि मेरे अंदर शाहरुख सर जैसी एनर्जी है तो मैं काफी इमोशनल हो गई थी। वह एक बेहतरीन एक्टर हैं और बेहद अच्छे इंसान भी, वह कभी भी अपनी बातें यू ही नहीं कहते। उनकी हर बात का मतलब होता है। इसलिए उनका इतनी बड़ी बात कहना मेरे लिए बहुत मायने रखता है।
नानाजी ने बहुत सपोर्ट किया
बचपन से ही सब मुझे कहते थे यह तो एक्टर ही बनेगी। लेकिन मैं यही कहती कि एक्टिंग बिल्कुल नहीं करूंगी। इसके बाद मैं निर्देशन सीखने न्यूयॅार्क गई। लेकिन वहां जाकर मुझे समझ आया कि मैं सचमुच एक्टिंग ही करना चाहती हूं। इस पूरी जर्नी में मेरे माता- पिता और दोस्तों ने मुझे बहुत सपोर्ट किया। मेरे नानाजी ने भी इस दौरान मेरी बहुत मदद की। जब भी एक्टिंग क्लास के दौरान कोई सीन करती थी तो उनसे रिव्यू जरूर लेती और वह मुझे हमेशा सही एडवाइस देते थे।
कॅाम्पटीशन होना अच्छी बात है
सारा अली खान, अनन्या पांडे और जाह्नवी कपूर ने बहुत कम वक्त में खास पहचान बना ली है। लेकिन ध्यान से देखें तो तीनों एक दूसरे से बहुत अलग हैं। मुझे लगता है कॅाम्पटीशन एक अच्छी चीज होती है। इस कारण हम और मेहनत करते हैं, कुछ नया ट्राई करते हैं। लेकिन इसे हमेशा पॅाजीटिव लेना चाहिए।
नेगेटिव बातों पर ध्यान नहीं देती
हम लाइफ में जो भी करें, कोई इसपर पॅाजीटिव कहेगा तो कोई नेगेटिव। जब मैंने शुरूआत में इस इंडस्ट्री को ज्वाॅइन किया था तो मुझे पता था ये सब तो होगा ही। लेकिन अच्छी बात यह है कि मेरे प्रोफाइल पर जब मैंने इतने सारे पॅाजीटिव रिएक्शन देखे, तो मेरी नेगेटिव बातों पर नजर ही नहीं गई। और अब मैं इनपर ध्यान ही नहीं देती।
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