सिनेमा जगत में दुनिया के सबसे बड़े पुरस्कार ऑस्कर के 92वें अवॉर्ड समारोह का आयोजन सोमवार 10 फरवरी को हो रहा है। इस अवॉर्ड शो में 24 कैटेगरी में पुरस्कार दिए जाएंगे। एकेडमी अवॉर्ड्स पहली बार 16 मई, 1929 को हॉलीवुड के रूसवेल्ट होटल में एक निजी समारोह आयोजित किया गया था। वैसे भारतीय सिनेमा का इतिहास ऑस्कर्स के अनुसार खास नहीं रहा है। अभी तक सिर्फ तीन भारतीय फिल्मों ने 'सर्वश्रेष्ठ विदेशी भाषा की फिल्म' की कैटेगरी में ऑस्कर नामांकन हासिल किया है।
'मदर इंडिया'
1957 में रिलीज हुई मूवी 'मदर इंडिया' ऑस्कर के लिए सबसे पहली भारतीय फिल्म को 1958 में नॉमिनेट किया गया था। हालांकि यह फिल्म अवॉर्ड तो नहीं जीत पाई लेकिन इसने काफी तारीफें बटोरीं। इसे बेस्ट फॉरेन लैंग्वेज फिल्म में नॉमिनेट किया गया था। इस फिल्म का निर्देशन महबूब खान ने किया था। दरअसल, चयनकर्ता को यह किसी ने नहीं स्पष्ट किया कि भारतीय नारी अपने सिंदूर के प्रति कितनी अधिक समर्पित होती है। फिल्म भारत के सदियों पुराने आदर्श के प्रति समर्पित थी।
'सलाम बॉम्बे'
फिल्म 'सलाम बॉम्बे' को 1989 में बेस्ट फॉरेन लैंग्वेज फिल्म कैटेगरी में नॉमिनेट किया गया। देश की आर्थिक राजधानी और सपनों की नगरी कहे जाने वाले शहर मुंबई की एक कड़वी सच्चाई को बयां करने वाली फिल्म थी। मीरा नायर निर्देशित इस फिल्म को सर्वोत्तम हिंदी फिल्म का राष्ट्रीय पुरस्कार मिला, वहीं इसे गोल्डेन कैमरा अवार्ड, कांस फिल्म फेस्टिवल के ऑडियंस अवार्ड से भी सम्मानित किया गया।
'लगान'
आशुतोष गोविरकर की फिल्म 'लगान' एक ब्लाकबस्टर फिल्म थी। इसे 2002 में ऑस्कर में बेस्ट फॉरेन लैंग्वेज फिल्म कैटेगरी में नॉमिनेट किया गया था। आमिर खान स्टारर इस फिल्म में ब्रिटिश कलाकारों के लिए इंग्लिश लिरिक्स और डायलॉग खुद आशुतोष गोवारिकर ने लिखे थे। ऑस्कर में यह फिल्म 'नो मैन्स लैंड' से पिछड़ गई थी।
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