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बॉलीवुड में अमिताभ बच्चन होने का मतलब क्या होता है, जानें आयुष्मान खुराना के नजरिए से

मुंबई। अभिनेता आयुष्मान खुराना ( Ayushmann Khurrana ) और अमिताभ बच्चन ( Amitabh Bachchan ) की फिल्म 'गुलाबो सिताबो' ( Gulabo Sitabo ) 12 जून को ओटीटी पर रिलीज हुई। दोनों की इस मूवी के रिव्यूज शानदार आए हैं। ऐसे में आयुष्मान ने अमिताभ के साथ अपने अनुभवों को शेयर किया है।

बॉलीवुड में अमिताभ बच्चन होने का मतलब क्या होता है, जानें आयुष्मान खुराना के नजरिए से

आयुष्मान ने अपने सोशल मीडिया हैंड्लस पर लिखा, 'जब भी हमारे देश में कोई नौजवान अभिनय के क्षेत्र में कदम रखना चाहता है तो उसका ध्येय होता है अमिताभ बच्चन। मेरी आखिरी फिल्म में एक डायलॉग था कि बच्चन बनते नहीं है, बच्चन तो बस होते हैं। जब मैंने बचपन में चंडीगढ़ के नीलम सिनमा में 'हम' देखी थी और बढ़े से बच्चन को बढ़े से पर्दे पर देखा था तो शरीर में ऐसी ऊर्जा उत्पन्न हुई जिसने मुझे अभिनेता बनने पर मजबूर कर दिया। मेरा पहला टीवी शूट मुकेश मिल्ज में हुआ था और यही वो जगह थी जहां 'जुम्मा चुम्मा दे दे' शूट हुआ था। उस दिन मुझे I have arrived वाली feeling आ गयी थी। अगर तब यह हाल था तो आज आप सोच सकते होंगे मैं किस अनुभूति से गुज़र रहा होउंगा। 'गुलाबो सिताबो' में मेरे सामने बतौर ‘सह’ कलाकार यह हस्ती खड़ी थी और किरदारों की प्रवृति ऐसी थी की हमें एक दूसरे को बहुत ‘सहना’ पड़ा। वैसे असल में मेरी क्या मजाल की मैं उनके सामने कुछ बोल पाऊं। इस विस्मयकारी अनुभव के लिए मैं शूजित दा का धन्यवाद करना चाहूंगा कि उन्होंने मुझे अमिताभ बच्चन जैसे महानायक के साथ एक फ़्रेम में दिखाया है। दादा आप मेरे गुरू हैं, आपका हाथ थाम कर यहां तक पहुंचा हूं। 'सौ जन्म क़ुर्बान यह जन्म पाने के लिए, जिंदगी ने दिए मौके हजार हुनर दिखाने के लिए।' -आयुष्मान

अमिताभ बच्चन के लिए उनका प्रत्येक प्रोजेक्ट अपनी तरह की एक नई चुनौती लेकर आता है और उनकी नई फिल्म 'गुलाबो सिताबो' भी इस मामले से कम नहीं है। अमिताभ ने शूजित सरकार की इस फिल्म में काम करने के दौरान आई सबसे बड़ी चुनौतियों के बारे में बताया, हर फिल्म प्रोजेक्ट उन लोगों के लिए एक चुनौती है जो उस पर काम करने के लिए सहमत हैं। उन्होंने आगे कहा, हर दिन चार से पांच घंटे तक प्रोस्थेटिक मेकअप में रहता था। बुजुर्ग मिर्जा के किरदार के लिए मई की तेज गर्मी के मौसम में इसमें परेशानी हुई। यदि आप खूद को पेशेवर कहते हैं तो यह सब इसके साथ आता है, और आप इसे अच्छी तरह से स्वीकार करते हैं और इसका आनंद लेते हैं।

बॉलीवुड में अमिताभ बच्चन होने का मतलब क्या होता है, जानें आयुष्मान खुराना के नजरिए से

जूही चतुर्वेदी की लिखी गई इसमें अभिनेता ने मिर्जा की भूमिका निभाई है, जो लखनऊ के बीचों-बीच बसी एक पुरानी जीर्ण हवेली के मकान मालिक हैं, जिसका नाम फातिमा महल है। जबकि आयुष्मान खुराना उनके चतुर किरायेदार बांके हैं। उनकी स्थिति टॉम और जेरी के समान है, स्क्रिप्ट और मजाकिया संवाद ने इसे कमाल का बनाया है। बिग बी कहते हैं कि इस फिल्म पर काम करना एक आनंदमय अनुभव था। उन्होंने कहा लखनऊ शहर, वहां के लोग और उनके साथ काम करने में बहुत खुशी हुई। रॉनी लाहिड़ी और शील कुमार निर्मित इस फिल्म का प्रीमियर अमेजन प्राइम वीडियो पर दुनिया भर में हुआ है।



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बॉलीवुड में अमिताभ बच्चन होने का मतलब क्या होता है, जानें आयुष्मान खुराना के नजरिए से बॉलीवुड में अमिताभ बच्चन होने का मतलब क्या होता है, जानें आयुष्मान खुराना के नजरिए से Reviewed by N on June 12, 2020 Rating: 5

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