फेडरेशन ऑफ वेस्टर्न इंडिया सिने एम्प्लाइज (एफडब्ल्यूआईसीई) और सिने एंड टेलीविजन आर्टिस्ट एसोसिएशन (सीआईएनटीएए) ने संयुक्त रूप से एक बयान जारी किया है, जिसमें उन्होंने यह आरोप लगाया है कि सूचना और प्रसारण मंत्रालय द्वारा निर्माताओं को अभिनेताओं और तकनीशियनों के लंबित भुगतान को चुका देने के निर्देश के बावजूद ऐसा आज तक नहीं किया गया है।
फिल्म निकायों ने कलाकारों और तकनीशियनों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए शूटिंग के दौरान कुछ नियम जारी किए थे, जो कुछ इस प्रकार हैं–'शिफ्ट आठ घंटे की ही होनी चाहिए।'
दैनिक वेतन भोगी कलाकारों/श्रमिकों/ तकनीशियनों को भुगतान दिन के अंत में किया जाना चाहिए। सभी संविदा कर्मचारियों को 30 दिनों में भुगतान किया जाना है। घर से कार्यस्थल तक ले आने—जाने के खर्चे का निपटारा दिन के अंत तक हो जाना चाहिए। साप्ताहिक अवकाश अनिवार्य है। सरकार के निर्देशानुसार सुरक्षा के नियमों का सख्ती से पालन।
कोविड-19 विशिष्ट कवरेज के साथ स्वास्थ्य और जीवन बीमा। अगर किसी अभिनेता/श्रमिक/तकनीशियन की मौत हो जाती है, तो हम उनके लिए 50 लाख रुपये की बीमा योजना की मांग करते हैं।
वेतन में कोई कटौती नहीं होगी/दोबारा काम शुरू किए जाने के बाद अभिनेताओं/श्रमिकों/तकनीशियनों द्वारा डिस्काउंट के लिए सहमत होना आवश्यक।
कुल मेहनताना को कम करने की बात से इंकार करने पर किसी भी अभिनेता/श्रमिक/तकनीशियन को काम से नहीं निकाला जाएगा। लोकेशन पर एम्बुलेंस के साथ नर्स और एक डॉक्टर की मौजूदगी।
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