मुंबई। अभिनेत्री कंगना रनौत ( Kangana Ranaut ) और बृहन्मुंबई महानगर पालिका (BMC) के बीच चल रहा केस सुर्खियों में है। बीएमसी ने कंगना के मुंबई स्थित कार्यालय के एक हिस्से को ढहाया और कंगना ने केस किया। इस केस को लड़ने के लिए बीएमसी ने वकील नियुक्त किए। अब कंगना ने एक ट्वीट कर कहा है कि बीएमसी ने केस लड़ने के लिए 82 लाख रुपए वकीलों को दिए हैं। साथ ही महाराष्ट्र सरकार ( Maharastra Government ) पर तंज भी कसा है।
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'बेहद दुर्भाग्यपूर्ण'
कंगना ने ट्वीट में लिखा,'महानगर पालिका ने मेरे घर को गैर-कानूनी तरीके से ढहाने में अब तक वकीलों पर 82 लाख रुपए खर्च कर दिए हैं। पापा के पप्पू एक लड़की को परेशान करने के लिए जनता का पैसा खर्च कर रहा है। आज महाराष्ट्र की ये स्थिति हो गई है, बेहद दुर्भाग्यपूर्ण।'
आरटीआई में हुआ खुलासा
वकीलों पर किए जा रहे खर्चे की जानकारी एक आरटीआई से सामने आई है। बताया जाता है कि आरटीआई कार्यकर्ता शरद यादव ने बीएमसी से कंगना के खिलाफ केस में नियुक्त वकील और उनको दिए जा रहे भुगतान के बारे में जानकारी मांगी थी। पालिका ने जवाब में बताया कि हाईकोर्ट में कंगना के खिलाफ वकील आकांक्षा चिनॉय को नियुक्त किया गया है और उन्हें 11 बार में 82.5 लाख रुपए दिए जा चुके हैं।
ये है मामला
गौरतलब है कि कंगना ने सुशांत सिंह राजपूत ( Sushant Singh Rajput ) केस में कई बॉलीवुड सितारों, मुंबई पुलिस की कार्यशैली और सरकार पर आरोप लगाए थे। इस बीच 3 सितंबर को उन्होंने एक ट्वीट कर शिवसेना सांसद संजय राउत ( Sanjay Raut ) पर धमकी देने का आरोप लगाते हुए कहा था कि लगता है मुंबई के हालात की पीओके जैसे हो गए हैं। इसके बाद उन पर जुबानी हमले तेज हो गए। मामला बढ़त गया और केंद्र सरकार ने उन्हें सुरक्षा मुहैया करवाई। उनके मुंबई लौटने से पहले उनके कार्यालय का एक हिस्सा बीएमसी ने ढहा दिया। इसे कंगना ने कोर्ट में चैलेंज किया था।
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मामले की सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने बीएमसी अधिकारियों और वकील को तीखे सवाल भी पूछे। कोर्ट ने एक सुनवाई में बीएमसी पर तंज कसते हुए कहा था कि जितने कम समय में बीएमसी ने कंगना के कार्यायल पर कार्यवाही की, इतनी तेजी बाकी मामलों में दिखाते तो मुंबई रहेने के मामले में कई गुना बेहतर होता।
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