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Pankaj Tripathi सपोर्टिंग किरदार से देते है हीरो को मात, रात में करते थे होटल में काम, दिन में करते थे नाटक

नई दिल्ली। हिंदी सिनेमा जगत में सालों स्ट्रगल करने के बाद सफलता के मुकाम पर पहुंचने वाले Pankaj Tripathi आज युवाओं के आइडल बन चुके हैं। फिल्म चाहे बड़ी हो या छोटी उनका देसी अंदाज दर्शकों के दिलों और दिमाग पर छह जाता है। थिएटर से बाहर आने के बाद भी दर्शकों की जुंबा पर पंकज का नाम जरूर सुनाई देता है। चलिए आपको आज पंकज त्रिपाठी की जिंदगी के कुछ अनसुने किस्सों के बारें बताते हैं।

Pankaj Thripathi

जन्म और परिवार

पंकज त्रिपाठी का जन्म 5 सितंबर 1976 में हुआ था। वह बिहार के बेलसंद गांव के रहने वाले हैं। वह एक हिन्दु परिवार के पंडित घर में पैदा हुए हैं। उनके पिता का नाम बनारस तिवारी है। जोकि एक पुजारी और किसान हैं। उनकी माता का नाम हेमवती और वह एक गृहणी हैं। पंकज के दो बड़ी बहनें और तीन बड़ें भाई हैं। फिल्मी करियर की शुरूआत से पहले ही उन्होंने 2014 में मृदुला नाम की महिला से शादी कर ली थी। उनका एक बेटा भी है।
करियर की शुरूआत

pankaj tripathi

पंकज त्रिपाठी पढ़ाई

अभिनेता को शुरूआत से ही रंगमंच का काफी शौक था। उन्होंने बतौर रंगमंच कलाकार के रूप में चार सालों का अभ्यास किया। वह करीबन 7 साल तक पटना में नाटक करते रहे। जिसके बाद उन्होंने दिल्ली के नेशनल स्कूल ऑफ ड्रामा में एडमिशन लिया। 2004 में उन्होंने डिग्री भी हासिल कर ली। डिग्री प्राप्त करने का बाद वह फिर वापस पटना लौट गए और थिएटर करने लगे। जहां उन्होंने लगभग चार महीनों तक नाटक ही किया।

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फिल्मी सफर

नाटक करते-करते पंकज त्रिपाठी की रूचि बॉलीवुड की फिल्मों की ओर होने लगी। उन्होंने 16 अक्टूबर 2004 में मुंबई आने का फैसला लिया और वह अपनी पत्नी संग मुंबई शिफ्ट हो गए। पंकज मुंबई आ तो गए तो लेकिन पैसों की समस्या उनके करियर की सामने आने लगी थी। उनकी पत्नी ने बीएड किया हुआ था। यह देखते हुए पंकज ने अपनी पत्नी को एक स्कूल में टीचर की नौकरी दिला दी। उनकी पत्नी की तनख्वाह से उनके घर का खर्च चलने लगा और वह भी फिल्मों और विज्ञापनों की ऑडिशन देने लगे।

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पहली फिल्म

2004 में पंकज को पहली फिल्म मिली। जिसका नाम 'रन' था। इस फिल्म में अभिनेता अभिषेक बच्चन और अभिनेत्री भूमिका चावला मुख्य भूमिका में थे। इस फिल्म में पंकज का रोल चंद मिनटों का था। लेकिन वह इस बात खुश थे कि उन्होंने फिल्म में पहला मौका तो मिला। इस फिल्म के बाद उन्होंने नाटक 'गुलाल' में भी एक छोटा सा किरदार निभाया। गुलाल में काम करते हुए निर्देशक अनुराग कश्यप ने पंकज को गैंग्स ऑफ वासेपुर के ऑडिशन में आने को कहा।

8 घंटों तक ऑडिशन की प्रक्रिया चली। जैसे ही पंकज का नंबर आया और उन्हें सुल्तान की भूमिका निभाने को कहा गया। पंकज का ऑडिशन देख अनुराग भी दंग रह गए और यहां से पंकज का फिल्मी करियर फुल रफ्तार के साथ चल पड़ा।

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स्ट्रगल लाइफ

एक इंटरव्यू के दौरान पंकज त्रिपाठी ने बताया कि उन्हें जब वह फिल्मों में काम पाने के लिए स्ट्रगल कर रहे थे। तब वह अक्सर कास्टिंग डायरेक्टर्स और अस्टिटेंट डायरेक्टर्स के फोन का इंतजार करते रहते थे। वह थिएटर भी करते थे और एक होटल में नाइट शिफ्ट भी किया करते थे। वह सुबह थिएटर में काम करते और रात में होटल में। इस दौरान उनका बस यही सपना था कि वह बस फिल्मों में अपना नाम बनाना चाहते थे। इस इंटरव्यू में पंकज ने अपनी पत्नी को घर का असली मर्द बताया। उन्होंने कहा कि उनकी पत्नी वह सारी जिम्मेदारियां उठाई जो एक मर्द अपने घर के लिए उठता है।

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पंकज त्रिपाठी की सुपरहिट फिल्में


अभिनेता के फिल्मी करियर पर नज़र डालें तो आप देखेंगे कि उन्होंने बेहद ही कम समय में कई सुपरहिट फिल्मों में अपना नाम शुमार कर लिया है। जिसमें स्त्री, लुक्का छिपी, मांझी, गैंग्स ऑफ वासेपुर, बरेली की बर्फी, सुपर30, अपहरण आदि जैसी फिल्में शामिल हैं। इन तमाम फिल्मों की बात यह है कि इन सभी में वह एक अलग किरदार का जन्म कर देते हैं। जिसकी वजह से फिल्म में उनकी एक अलग ही छाप छूट जाती है।

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अवॉर्डस

पंकज त्रिपाठी के काम को इंडस्ट्री ने भी पहचाना है। यही वजह है कि उन्हें कई पुरस्कारों से भी सम्मानित किया गया है। 2019 और 2017 में उन्हें बेस्ट सपोर्टिंग एक्टर के पुरस्कार से नवाज़ा गया था। 2017 में ही उन्हें बेस्ट एक्टर के लिए भी अवॉर्ड दिया गया था। वहीं फिल्म न्यूटन के लिए 2018 में उन्हें राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार से भी सम्मानित किया था।



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Pankaj Tripathi सपोर्टिंग किरदार से देते है हीरो को मात, रात में करते थे होटल में काम, दिन में करते थे नाटक Pankaj Tripathi सपोर्टिंग किरदार से देते है हीरो को मात, रात में करते थे होटल में काम, दिन में करते थे नाटक Reviewed by N on October 08, 2020 Rating: 5

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