मुंबई। अभिनेता-फिल्मकार सतीश कौशिक ( Satish Kaushik ) इस बात को मानते हैं कि बच्चों के लिए कम फिल्में ( Movie for Kids ) बनती हैं और साथ ही भारत में इस शैली की फिल्मों के लिए कोई खरीदार भी नहीं है। कौशिक ने का कहना है कि बच्चों की फिल्में मुश्किल से ही बनती है। अगर बनती भी है और उन्हें सही से थिएटर पर रिलीज नहीं किया जाता है। एक या दो फिल्में फिल्म महोत्सवों ( Film Festivals ) में भाग लेती हैं।
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2017 में बच्चों के लिए बनाई फिल्म
साल 2017 में बच्चों के लिए 'स्कूल चलेगा' नामक एक फिल्म का निर्माण और उसमें अभिनय कर चुके इस कलाकार ने आईएएनएस को बताया,'बाहर के देशों में बच्चों के लिए बन रही फिल्मों की शैली काफी वृहद है, लेकिन अगर हम ऐसी फिल्में बनाएंगे, तो कोई भी वितरक इसे खरीदना नहीं चाहेगा। बच्चों के लिए बनाई जाने वाली फिल्मों का कोई क्रेता ही नहीं है।'
लोकप्रिय बनाने का एक ही तरीका
उनका मानना है कि इस शैली को लोकप्रिय बनाने का एक ही तरीका है और वह ये कि इनमें बच्चों के साथ किसी चर्चित वयस्क कलाकार को भी शामिल करें। राजकुमार राव ( Rajkummar Rao ) और नुसरत भरूचा ( Nushrat Bharucha ) अभिनीत अपनी हालिया फिल्म 'छलांग' ( Chhalaang Movie ) के बारे में उन्होंने कहा, 'बच्चों के साथ आपको इन फिल्मों में किसी हीरो को भी शामिल करना होगा। उदाहरण के तौर पर आप 'छलांग' को ही ले लीजिए। यह एक ऐसी फिल्म है, जो व्यवसायिक है, नाटकीय है, जिसके गाने अच्छे हैं, जिसकी कहानी प्रेरक है और हंसी का तड़का भी है और इन सबसे बढ़कर यह एक बच्चों की फिल्म है।
'मिस्टर इंडिया' भी बच्चों के लिए बनी एक मेनस्ट्रीम फिल्म थी
उन्होंने आगे यह भी कहा, 'यह बच्चों के लिए एक मुख्यधारा की फिल्म भी है। उन्हें यह बेहद पसंद आएगी। फिल्म में उन्हें अपनी ही छवि देखने को मिलेगी। 'मिस्टर इंडिया' भी बच्चों के लिए बनी एक मेनस्ट्रीम फिल्म थी। साल 1987 में आई इस ब्लॉकबस्टर फिल्म में सतीश ने सबके चहेते किरदार कैलेंडर को निभाया था।
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