नई दिल्ली। बॉलीवुड के चुलबुले स्टार्स शशि कपूर ने अपने करियर में कई सुपरहिट फिल्में की। लगातार फिल्म में मिल रही सफलता को चलते उन्हें तीन-तीन बार नेशनल अवार्ड, दो बार फिल्मफेयर अवार्ड, पद्म भूषण और दादा साहेब फाल्के अवार्ड से नवाजा गया था। बचपन से ही इस अभिनेता ने चाइल्ड आर्टिस्ट के तौर पर फिल्मों में काम करना शुरू कर दिया था।
शशि कपूर ने महज २० साल की उम्र में जेनिफर केंडल नाम की एक विदेशी लड़की से शादी करके घर बसाया था। साल १९६१ में आई फिल्म ‘धर्मपुत्र’ से उन्होंने बतौर मुख्य अभिनेता के रूप में अपने करियर की शुरूआत की थी। और एक सफल एक्टर के रूप में पहचान भी बनाई थी। लेकिन एक्टिंग की सीख उन्हें बचपन से ही अपने पिता पृथ्वीराज कपूर से मिली थी।
शशि कपूर ने इस बात का खुलासा करते हुए बताया था कि किस तरह से उनके पिता ने बताया था एक्टिंग में दर्द का अनुभव..
यह बात उस समय की है जब शशि कपूर की पीठ में एक बड़ा घाव हो गया था और उसमें दर्द होने लगा था। दर्द इतना बढ़ा कि उन्हें अस्पताल में भर्ती तक होना पड़ा। और जब अस्पताल से घर वापस आये तो घाव ठीक होने के बाद भी दर्द होना नही छोड़ा था। ऐसे में एक रात जब शशि कपूर दर्द से बहुत तड़प रहे थे।तभी उनका आवाज सुनकर पिता पृथ्वीराज को नींद से जागे और भागते हुए अपने बेटे के कमरे में पहुंचे, और शशि का हालत को देख वहां से तेजी से बाहर आ गए। कुछ ही देर बाद वो हाथ में शीशा लेकर शशि कपूर के पास पंहुचे।
तब दर्द से तड़प रहे शशि कपूर को यह नजारा देख आश्चर्य हुआ और अपने पिता से कुछ कह पात इससे पहले ही पिता ने उनसे कहा कि दर्द तो आया है दवाई से चला भी जाएगा, मगर तुम इस दर्द के समय होने वाले भावों को पहचानों। कि दर्द के समय चेहरे पर किस तरह के भाव आ रहे है, जा रहे है। इस बात को अपने दिमाग में बिठा लो। और यह तुम्हें एक बड़ा कलाकार बनाएगा। बचपन में मिली ऐसी सीख से वो एक अच्छे एक्टर से लीजेंड एक्टर रूप में पहचाने जाने लगे थे।
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