अभिनेत्री भूमि पेडनेकर को लगता है कि एक नायिका की परिभाषा बदल गई है। साथ ही दर्शकों के पास उन कहानियों से जुड़ने के कई अवसर हैं, जिनसे वे खुद को जुड़ा महसूस करते हैं। भूमि ने कहा कि सभी फिल्में जो मैंने की हैं या मैंने जो भूमिकाएं निभाई हैं, वे सभी एक-दूसरे से बहुत अलग हैं। उनमें कुछ समानताएं हो सकती हैं जैसे उदाहरण के लिए मेरे किरदार महिलाओं की दिल की कहानियों को बताते हैं।
अभिनेत्री ने कहा, 'मुझे सिनेमा पर गर्व है, मैंने अब तक जितनी फिल्में की हैं वे ऐसी फिल्में हैं जिन्होंने मेरे लिए अच्छा काम किया है और मुझे अपने दर्शकों से जुड़ने में मदद की है। आज के समय में एक नायिका की परिभाषा बदल गई है और विकसित हो गई है, आजकल दर्शकों के पास कई कहानियां हैं, जिनसे वे संबंधित हो सकते हैं।'
अभिनेत्री ने आगे कहा कि हमेशा एक टिपिकल परफेक्ट आदर्श कहानी की जरूरत नहीं होनी चाहिए। लेकिन साथ ही वे ऐसी कहानियां होनी चाहिए, जिनसे दर्शकों को जुड़ाव महसूस हो। अगर मैं उन्हें एक ईमानदार कहानी बता सकती हूं या उन्हें एक किरदार दे सकती हूं, जिससे वे जुड़े हो सकते हैं, तो मैं एक कलाकार के तौर पर सफल रही हूं।
भूमि पेडनेकर को मिली स्कूल की स्क्रैपबुक
भूमि पेडनेकर ने अलंकृता श्रीवास्तव के निर्देशन में बनी फिल्म 'डॉली किटी और वो चमके सितारे' में अपने किरदार के साथ वास्तविक जीवन में कई समानताओं के बारे में बताया। अभिनेत्री को उनके स्कूल की लंबे समय से खोई हुई स्क्रैपबुक मिली, इसके साथ ही उनकी यादें भी ताजा हो गईं। भूमि ने कहा, 'हाथ में इतना समय है कि आप अव्यवस्थित चीजों को व्यवस्थित कर सकते हैं और यह चीज न सिर्फ आपकी जगह पर लागू करता है, बल्कि आपके दिमाग पर भी लागू करता है। मैं अपने पुराने घर में एक बक्से को साफ कर रही थी और मुझे अपने स्कूल की एक स्क्रैपबुक मिली! मेरी पहली डीवीडी ऑडिशन टेप! जो मेरे अभिनय कॉलेज से थी, मेरी पहली स्क्रिप्ट, जिसे मैंने लिखा था! यह काफी भावुक करने वाला था।'
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