अभिनेत्री ऋचा चड्ढा का मानना है कि उन्हें किसी चीज का कोई पछतावा नहीं है क्योंकि पछतावा करना वो बेकार समझती हैं। ऋचा एक दशक से अधिक समय से इंडस्ट्री में हैं और 'ओये लकी! लकी ओए', 'गैंग्स ऑफ वासेपुर' फ्रेंचाइजी, 'फुकरे' फ्रेंचाइजी, 'मसान' और 'धारा 375' जैसी फिल्मों में अपने अभिनय से दर्शकों को प्रभावित कर चुकी हैं। एक्ट्रेस का कहना है कि मुझे कोई पछतावा नहीं है। पछतावा करना व्यर्थ है। यदि आपने एक बुरा निर्णय लिया या एक समय में एक खराब फिल्म की थी तो ऐसा नहीं था कि आपने खुद को नुकसान पहुंचाने के लिए ऐसा किया था।
उन्होंने कहा कि जैसे मेरे मामले में देखें तो मैं फिल्म इंडस्ट्री में किसी को नहीं जानती थी, यहां मेरा कोई सलाहकार या मित्र नहीं था। हाल ही में, कल्कि कोचलिन, अमायरा दस्तूर, पुलकित सम्राट और आदिल हुसैन जैसे अभिनेताओं के साथ ऋचा को लॉकडाउन के दौरान शांति और लैंगिक समानता का संदेश फैलाते देखा गया।
वीमेन इन फिल्म्स और टेलीविजन इंडिया के एक वीडियो में इन हस्तियों ने लॉकडाउन के कारण कमजोर मानसिक स्वास्थ्य से उत्पन्न मुद्दों के बारे में बात की है और इस अभियान को अपना समर्थन दिया है। महामारी के कारण हुए लॉकडाउन की अवधि में ऋचा खाना पकाने सहित कई रचनात्मक काम रही हैं। वे एक नई स्क्रिप्ट पर काम कर रही हैं और नृत्य कर रही हैं।
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