नई दिल्ली। किसी भी फिल्म को बनाने के लिए सबसे पहले ये बात तय की जाती है कि फिल्म को बनाने के लिए बजट कितना हैं।ये बजट एक प्रोड्यूसर को बताया जाता है उसके बाद वो उसे फाइनल करता है और फिर जाके कहीं फिल्म बन पाती है।लेकिन आज हम आपको एक ऐसी फिल्म के बारे में बताने जा रहे हैं, जिसको बनाने के लिए किसी प्रोड्यूसर की जरूरत नहीं पड़ी थी। ये फिल्म किसानों से २-२ रूपए चंदा लेकर बना दी गई।
दरअसल, साल 1976 में देश में इमरजेंसी के दौरान ‘मंथन’ फिल्म रिलीज हुई।मंथन पहली ऐसी फिल्म है जो श्वेत क्रांति पर बनायी गयी थी। इस फिल्म में किसानों और पशुपालको के उस संघर्ष की दास्तान को बड़े पर्दे पर उतरा गया था।इस फिल्म में गिरीश कर्नाड, नसीरुद्दीन शाह, अमरीश पुरी, स्मिता पाटिल जैसे सितारे शामिल थे। वहीं इसका निर्देशन श्याम बेनेगल ने किया था।
फिल्म के निर्देशक श्याम बेनेगल ने एक इंटरव्यू में बताया था कि, वो इस फिल्म की कहानी ‘दुग्ध क्रांति’ यानी श्वेत क्रांति से जोड़कर लिख चुके थे। प्री-प्रोड्क्शन का सारा काम हो चुका था। बस फिल्म पर पैसा लगाने वाले प्रोड्यूर्स की कमी थी। लेकिन कोई इस कहानी पर पैसा नहीं लगाना चाहता था।श्याम बेनेगल उस समय काफी लोगों से मिले मगर हर जगह से निराशा हाथ लगी। श्याम बेनेगल ने प्रोड्यूर्स न मिल पाने की दिक्कत वर्गीज कुरियन को बताई क्योंकि वर्गीज कुरियन भी इस फिल्म से जुड़े हुए थे । इसके बाद कुरियन ने सबसे पहले फिल्म का बजट पूछा। श्याम ने इसका जवाब देते हुए फिल्म का बजट 10 लाख रुपए बताया।उस समय के हिसाब से ये बहुत ज्यादा था।
श्याम की बात सुनने के बाद वर्गीस ने सलाह दी कि वो अमूल सोसाइटी से जुड़े किसानों की मदद लें।उस वक्त कुरियन अमूल को-ओपरेटिव के संस्थापक थे। इसके बाद दोनों लोग किसानों के पास गए और उनसे आग्रह किया कि आप अपनी एक दिन की कमाई से सिर्फ दो रुपए इस फिल्म के लिए दान कर दीजिये ताकि हम आपके संघर्ष की कहानी दुनिया को दिखा सकें।
श्याम की नियत साफ़ थी तो ऊपर वाले ने भी उनकी मदद की। किसानों ने श्याम की बात मान ली।उस वक्त अमूल सोसाइटी से पांच लाख किसान जुड़े थे। सबने दो-दो रुपये इकट्ठा किए। इन रुपयों से फिल्म ‘मंथन’ का निर्माण किया। मंथन भारतीय इतिहास की पहली ऐसी फिल्म बनी जिसके प्रोड्यूर्स पांच लाख किसान थे। बता दें विजय तेंदुलकर को इस फिल्म का स्क्रीनप्ले लिखने के लिए राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार (बेस्ट स्क्रीनप्ले) मिला था।
from Patrika : India's Leading Hindi News Portal https://ift.tt/2piQ7nD
No comments: